लॉक डाउन के दौरान पीने की लत पर ऐसे पाएं काबू, मिलेगी डेली ड्रिंक की आदत से छुटकारा

लॉक डाउन के दौरान पीने की लत पर ऐसे पाएं काबू, मिलेगी डेली ड्रिंक की आदत से छुटकारा

सेहतराग टीम

कोरोना के प्रभाव के कारण पूरे देश में लॉक डाउन है। ऐसे में सभी को छोटी-मोटी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जो लोग ड्रिंक करते हैं या शराब पीते हैं यानी जिन्हें हर रोज पीने की लत होती है। ऐसे में उन्हें शराब न मिल पाने पर होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है और अब ये परेशानियां केवल उन तक सीमित ना रहकर उनके परिवार के लिए मुसीबत की वजह बन सकती हैं। ऐसे में शराब न मिलने पर एक डेली ड्रिंकर को उसका परिवार कैसे संभाल सकता है।

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गौरतलब है कि Corona Virus के कारण पूरे देश में लॉक-डाउन की घोषणा के वक्त एक तरफ जहां ज्यादातर लोगों को घर में राशन इकट्टठा करने की चिंता सताने लगी थी तो वहीं, डेली ड्रिंकर्स को अपने स्टॉक की फिक्र होने लगी थी। ऐसे में कुछ लोग तो स्टॉक जमा कर पाए लेकिन कुछ लोग नहीं पाए।  ऐसे में जिन्हें रोज पीने की लत होती है वे बिना ड्रिंक किए नहीं रह सकते हैं। खासतौर पर उनकी यह लत उनके परिवार के सदस्यों के लिए अधिक बड़ी मुसीबत की वजह हो सकती है। क्योंकि ऐसे लोग कई बार मानसिक उन्माद के चलते परिवार का माहौल खराब कर देते हैं।

शराब ना मिलने पर ऐसे व्यक्तियों की स्थिति आखिरी पैग लेने के 18 से 24 घंटे के अंदर ज्यादा खराब होती है। इस टाइम-पीरियड में व्यक्ति के अंदर एल्कोहल विड्रॉल (Alcohol Withdrawal) के सिंप्टम्स आने लगते हैं। जो उस व्यक्ति के साथ ही उसकी फैमिली को भी परेशान करनेवाले होते हैं।

एल्कोहल अडिक्शन के लक्षण-

बीमारी का नाम एल्कोहल अडिक्शन (Alcohol addiction)है और एल्कोहल विड्रॉल इस बीमारी की एक स्टेज होती है। इसके शुरुआती लक्षण नींद में कमी, कंपकपी (tremors), मूड चिड़चिड़ा रहना, भूख कम लगना और हर समय बेचैनी महसूस होना शामिल हैं। इसके अलावा जब स्थिति और अधिक गंभीर होती है तो व्यक्ति को हलूसनैशन (Hallucination)यानी भ्रम होने लगते हैं। जैसे, आस-पास कुछ नहीं होता लेकिन कुछ ना कुछ दिखाई देता है। जैसे कोई आ रहा है। ये लोग गफलत में रहते हैं। समय, तारीख आदि का ध्यान नहीं रहता। अनाप-शनाप बोलना। कंवल्शन (convulsion)यानी शरीर में ऐंठन होना।

ध्यान रखने वाली बात-

एल्कोहल विड्रॉल के दौरान किस व्यक्ति में किस प्रकार के लक्षण नजर आएंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह हर रोज कितनी डोज लेता है और साथ ही वह दिन में कितनी बार पीता है। यह स्थिति हर डेली ड्रिंकर के साथ अलग-अलग होती है।

रोकथाम और उपचार-

लॉक डाउन के दौरान डेली ड्रिंकर पर एल्कोहल विड्रॉल के सिंप्टम्स हावी न हों और साथ ही परिवार को कोई परेशानी न उठानी पड़े इसलिए इस स्थिति में परिवार को ही आगे आना पड़ेगा। आइए एक्सपर्ट से जानिए कि ऐसी स्थिति में पूरी फैमिली क्या-क्या कर सकती है।

एक्सपर्ट के अनुसार, जिन लोगों को नियमित रूप से शराब का सेवन करने की आदत है, परिवार के लोग हर दिन उनकी डेली डोज क्वांटिटी में 20 प्रतिशत कम कर दें। इससे उनका विड्रॉल स्मूद हो जाएगा और दौरे पड़नेवाली स्थिति नहीं आएगी। ऐसा करना आज से ही शुरू कर दें।

उनकी डाइट में इस तरह का बदलाव करें-

डेली ड्रिंकर्स के पानी पीने का ध्यान रखें। इन्हें हर दिन कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए। आप इन्हें इलेक्ट्रॉल घोल या ओआरएस का घोल दें ताकि सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम की कमी शरीर में पूरी होती रहे। न्यूट्रिऐंट रिच फूड खिलाएं और इस बात का ध्यान रखें कि इनकी नींद पूरी हो जाए। इन्हें बीपी या सांस की दिक्कत हो तो रोज समय पर दवाई देने का ध्यान रखें।

ये एक्टिविटीज करें-

लॉक डाउन के दौरान डेली ड्रिंकर्स को एल्कोहल की कमी से लड़ने के लिए तैयार करना और सेल्फ कंट्रोल सिखाना जरूरी है इसके लिए उन्हें हर रोज माइल्ड एक्सर्साइज करनी चाहिए। योग करने से भी मदद मिलती है। इससे इन्हें अपनी मानसिक व्यग्रता पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी।

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डॉक्टर की भी ले सकते हैं मदद-

अगर ऊपर बताई गई ऐक्टिविटीज कराने के बाद भी दिक्कत आए तो डॉक्टर की सलाह लें। इस तरह की दिक्कत में आप साइकाइट्रिस्ट और फिजिशियन की मदद ले सकते हैं। साथ ही अगर पेशंट की पहले से कुछ दवाइयां चल रही हों तो उन दवाइयों को रेग्युलर बेसिस पर देते रहें। अन्य किसी भी प्रकार के नशे की आदत हो तो आप स्पेशलिस्ट से मदद ले सकते हैं। ताकि लॉक डाउन के दौरान परिवार में स्थितियां सामान्य बनी रहें।

 

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